Sunday, 22 June 2014

कार में चुद गई ऊँगली से


      नमस्कार दोस्तों, मेरा नाम राज है| मेरी आयु 26 वर्ष है, में दिखने में स्लिम हूँ| मेरी दोस्त सपना और मैं बहुत बार चुदाई कर चुके हैं| मेरी दोस्त को भी चुदाई करवाने का बहुत शौक है| उसका बदन बहुत सेक्सी है, और उसकी आँखों में भी सेक्स की मदहोशी हर समय रहती है | हमारी दोस्ती एक ऐसे कपल से हुई जिनकी नयी नयी शादी हुई थी| वो हमारे साथ मिल कर ग्रुप चुदाई का मज़ा लेना चाहते थे| जैसे ही उनकी बात मुझ से हुई यो मैंने अपनी दोस्त सपना को बतया, तो वो बहुत खुश हुई, और वो भी ऐसे मिल कर चुदाई करवाने को सोच कर कर बहुत खुश हुई, और उसने झट हाँ  कर दी| हमने उनसे फोन पे बात की और उसके बाद, मिलने का समय तय हो गया | तय समय के अनुसार वो हमें बताई जगह पर आ गए और हम सब कार में सवार होकर मनाली की और चल पड़े | उनका नाम राजेश और नीलम था| राजेश कार चला रहा था और में उसके साथ आगे वाली सीट पे बैठा था, पीछे सपना और नीलम दोनों बैठी बातें कर रही थीं| कुछ ही देर में हम पूरी तरह घुल मिल गए और सेक्सी बातें करने लगे| नेलं और राजेश भी पूरी तरह खुले हुए और खुले विचार रखने वाले लोग थे|इधर हम भी कौन से कम थे, सपना को भी उनके साथ सेक्सी बातें करने में बहुत मज़ा आ रहा था| तभी नीलम बोली ‘ अरे सपना साली तू बता, तुझे कैसे चुदवाने में मज़ा आता है’
सपना: मुझे तो बस लड़कों के लंड से टपक रहा रस अपनी चूत में डलवाना पसंद है और अपने बूब्स किओ चुस्वाना बहुत पसंद है |
नीलम: अरे मुझे तो लड़कों के लंड चुसना जियादा पसंद है, दिल करता है एक साथ दो दो लंडों से खेलूं और , मेरा सपना है की मेरे शरीरी के हर अंग पे लंड हो|
तभी मैं बोला: कोई बात नहीं साली, आज तुम्हारा ये सपना भी पूरा कर देंगे, क्यों सपना डार्लिंग|
सपना: हा जानू, आज नीलम की चूत और गांड फाड़ देना, और इहे भी पता चले की मेरी जान का लंड कैसा है|
राजेश:  कोई बात नहीं सपना, जब मेने तेरी चूत में लंड डाला तो तुझे पता चलेगा कि नीलम कितना बड़ा अंदर लेती है |
हम ऐसे ही सेक्सी अंदाज़ में बातें करते हुए जा रहे थे, रास्ते में हमने नाश्ता करने के लिए एक जगह पे गाडी रोकी और, फिर आगे चल पड़े, अब हम रास्ता पहाड़ी था, इस लिए मैं फिर गाडी के आगे ही बैठा रहा, सपना ने मुझे इशारा किया की आप पीछे आ जाओ, तो मेने राजेश को इशारा किया, और फिर मैं भी पिछली सीट पर आ गया सपना ने मुझे दोनों के बीच में कर लिया, और मैं सपना को किस करने लगा, राजेश भी शीशे में से सब कुछ देख रहा था, तभी नीलम ने पिक पीछे से मेरी पीठ पर हाथ फिरना शुरू कर दिया| इधर सपना के होंठों को मैं अपने होंठों में लेकर चूस रहा था, और सपना भी बहुत मस्त होकर अपने होंठ चुसवा रही थी, एक हाथ मेने सपना के बूब्स पर रखा हुआ था, और दूसरा हाथ मैं उसकी पीठ पर फिर रहा था| इधर नीलम भी हमें किस करते देख उतेजित होने लगी थी, नीलम ने मेरी कमीज़ के अन्दर हाथ डाल कर मेरी पीठ को सहलाना शुरू किया तो सपना ने मुझे आंख मार कर इशारा किया, जब मैंने पीछे घूम कर देखा, तो नीलम ने अपनी कमीज़ को ऊपर उठाया हुआ था, और एक हाथ मेरी पीठ पर था और दुसरे हाथ से अपने निपल्स को मसल रह थी| मैंने सपना को छोड़ा और नीलम के निपल पर किस करने लगा, अब मैं पूरी तरह नीलम के निपल्स को बरी बारी से चूस रहा था, और नीलम भी मेरा साथ दे रही थी| नीलम बहुत उतेजित होकर अपने निपल्स चुसवा रही थी, नीलम की चूचियां हैं भी बहुत मस्त थी| मेने एक उंगली नीलम की पैंटी में डाल कर उसकी चूत में डाल दी और नीलम की चूत बिलकुल गीली हो चुकी और चुदने के लिए तदप रही थी| हमारा रास्ता लम्बा था, और दिन भर गाडी पे चलते ही आ रहे थे, और सेक्सी बातें करके मन भी मचल उठा था, और इस वकत रात हो चुकी थी, और पहाड़ी इलाका होने की वजह से राजेश कार को बहुत स्लो स्पीड से चला रहा था| सपना मेरा साथ देने लगी, सपना ने नीलम की कमीज़ को ऊपर कर दिया, और सपना खुद भी नीलम के बूब्स को सहलाने लगी| नीलम बहुत तडप रही थी, चुदाई का भूत उस के सर पर सवार हो चूका था| सपना बोली, ले साली चुदवा ले मेरे लौड़े से, चख ले इसका भी रस| उधर राजेश ने गाडी एक साइड पर कड़ी कर दी, रास्ता बहुत सुनसान था, जंगल सा था, ऊपर से रात का अँधेरा हो चूका था, प्रंतु हम तो सभी चुदाई की वासना में जल रहे थे, हमें तो सुनसान जगह ही चाहिए थी| राजेश भी हमारी साइड आ गया, और उसने आगे वाली सीटों को फोल्ड कर दिया, और सपना के बूब्स पकड लिए, राजेश का हाथ सपना की बरा में था, और मैं अपनी उँगलियों से नीलम को छोड़ रहा था, सपना ने मेरा लौदा नंगा कर दिया था,  राजेश ने, सपना की पैंटी तक उतार डाली थी, और सपना की चूत बिलकुल नंगी हो चुकी थी| नंगी चूत को राजेश ने अपने होंठों में ले लिया, और अब सपना का मुह हमारा तरफ था, और राजेश उसकी चूत चूस रहा था, सपना भी मज़े से अपनी चूत चुदवा रही थी| मेरा खड़ा लौड़ा अपना को चूसने के इशारा कर रहा था, सपना ने आगे बाद कर मेरा लौदा अपने मुहं में ले लिया, अब सपना दो मर्दों से कामुक खेल खेल रही थी, मेरा लंड सपना के मुह में था और उधर राजेश भी अपना लंड निकाल कर नीलम की तरफ बडाने लगा, और नीलम ने भी राजेश का लंड अपने मुहं में ले लिया| अब मैं, नीलम की चूत चाट रहा था और उसमे उंगली कर रहा था, और नीलम राजेश का लंड चूस रही थी, राजेश सपना की चोट चाट रहा था और सपना मेरा लंड चूस रही थी| हम सभी को बहुत मज़ा आ रहा था, इधर नीलम इतना उतेजित हो चुकी थी, की उसके मुहं से सीकियाँ निकलने लगी, ‘ऊऊ हहा आह्ह ..... चोदो.....सालो......आ अ आह्ह्ह ह्हह्ह्हाह्हा ......उई डा....ल..लल्ल. दे... अब डाल...आह्ह ‘ मैंने अंदाजा ला लिया था, की नीलम अब लंड मांग रही  है, परन्तु कार में जगह कम होने की वजह से इतनी ज़ल्दी सपना के मुंह से लंड निकाल कर नीलम की चूत में डालने का वकत नहीं था, मैंने, उसकी चूत को मुह में लिया, और दो उँगलियाँ एक साथ उसकी चूत में डाल कर जोर जोर से छोड़ने लगा, नीलम बहुत मस्त हो चुकी थी, उसने मुझे कस कर पकड़ लिया, और अपनी चूत की गांड उठा उठा कर चुदवाने लगी| उधर मेरी दोस्त सपना का भी यही हाल था, सपना की चूत में राजेश ने उँगलियाँ डाली हुई थीं, और राजेश का लंड नीलम अपने मुहं में लेकर बहुत मस्ती से चूस रही थी, और इधर सपना मेरे लंड को जोर जोर से हाथ से हिला हिला कर चूसने लगी| सपना मुझे इशारा कर रही थी, वो मेरे लंड का रस अपने मुहं में निल्वाना चाहती थी, इधर नीलम  की जोर से एक चीख निकली और साथ ही साथ उसकी चूत से पानी टपकना शुरू हो गया, ये सीन देखकर मेरे लंड ने भी अप[नि धार सपना के मुह के ऊपर छोड़ दी, सपना तो बस कामुकता में मस्त होकर, बहुत मस्ती से चूस रही थी| मेरा सारा पानी सपना पी रही थी| उधर नीलम की चूत का रस लगातार बह रहा था, इतने में मेने देखा की राजेश के लंड से भी रस टपक रहा था, और उसका वीर्य नीलम अपने मुहं में डलवा रही थी| मेरा लंड अभी भी पानी निकाल रहा था| हम सभी का पानी टपकता देखकर सपना की चूत भी रह न सकी, उसने भी अपना मॉल निकाल दिया| अब सपना झड रही थी| सपना को भी बहुत मज़ा आ रहा था| कार में हमारी चुदाई की आवाजें ही आ रहीं थीं| हम सभी झड चुके थे, और हमारी साँसे जोर जोर से चल रही थी, सपना ने उठते हुए ही मुझे एक किस की और अपने बाल ठिक किया| नीलम, राजेश और मेने भी अपने आप को ठीक किया, और कार से बाहर निकल कर बाहर का नज़ारा देखने लगे| सपना ने मेरे कंधे पे अपना सर रखा हुआ था, हम पहाड़ी के ऊपर खड़े होकर नीचेको देख रहे थे| रात के करीब 11 बजने वाले थे, रास्ता पूरा सुनसान हो चूका था, कोई कोई गाड़ी कभी आ रही थी, हमने गाडी बैक की और फिर रास्ते पे डाल ली, और मनाली पहुँच कर एक होटल में रुक गए|
दोस्तों आगे होटल में क्या हुया, और हमने कैसे मज़े किये ये सभ में अपनी अगली कहानी में बताऊंगा| आपको मेरी कहानी कैसी लगी, और आगे क्या हुआ ये जानने के लिए मेरी दोस्त सपना की मेल पे मेल करो
आपका दोस्त
राज

Email: sapna.writter@gmail.com




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